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हिंदुस्तानी हिन्दू कनवर्टेड मुसलमान अरब के गुलाम

पाकिस्‍तान के लिए ये क्‍या बोल गए सऊदी अरब के प्रिंस सुलेमान





Publish Date:Fri, 16 Jun 2017 10:22 AM (IST) | Updated Date:Sun, 18 Jun 2017 02:28 PM (IST)

प्रिंस सुलेमान भारत पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश के मुसलमानों को अल हिंदी-मुस्‍कीन कहते हैं। इसका अर्थ है कि वह दोयम दर्जे के मुस्लिम हैं। अरब में यह ख्‍यालात सिर्फ प्रिंस के ही नहीं बल्कि आम लोगों के भी हैं। यहां के लोगों के लिए यह सोच बेहद सामान्‍य है। वहीं दूसरी ओर इन लोगों को सऊदी अरब में किसी भी बड़ी पोस्‍ट पर नहीं रखा जाता है। टॉप पोस्‍ट सिर्फ अरब मुस्लिमों के लिए ही सुरक्षित रखी जाती हैं। पाकिस्‍तान के लिए सऊदी प्रिंस के यह बयान वास्‍तव में ही काफी तकलीफ देने वाले होंगे। इसका जिक्र पाकिस्‍तान के एक पत्रकार ने ट्विटर पर किया है।
नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। दुनियाभर में पाकिस्‍तान की लगातार किरकिरी हो रही है। कभी भारत को लेकर वह हंसी का पात्र बन जाता है तो कभी अपने ही मंत्रियों के बयान को लेकर उसको शर्मसार होना पड़ता है। कतर और सऊदी अरब के बीच मध्‍यस्‍थता को लेकर भी उसका कुछ ऐसा ही हाल हुआ जब सऊदी किंग ने नवाज से पूछा कि वह किस तरफ हैं। इस तरह के कई और उदाहरण पाकिस्‍तान को लेकर मिल जाएंगे। लेकिन अब जिस चीज को लेकर पाकिस्‍तान की किरकिरी हो रही है वह इन सभी से कहीं ज्‍यादा बड़ी है। दरअसल, सऊदी अरब के रक्षा मंत्री और प्रिंस मोहम्‍मद बिन सुलेमान ने पाकिस्‍तान के बारे में कुछ ऐसा कह दिया है जिसको पाकिस्‍तान कभी हजम नहीं कर सकेगा।
प्रिंस सुलेमान ने एक विवादस्‍पद बयान देते हुए पाकिस्‍तान को अरब का गुलाम कहा है। उनका मानना है कि सही मायने में मोहम्‍मद साहब के असली वंशज उन्‍हीं के देशवासी हैं। वह पाकिस्‍तान को इस्‍लामी देश भी नहीं मानते हैं। उनके मुताबिक पाकिस्‍तान ही नहीं बांग्‍लादेश के लोग भी मुस्लिम नहीं हैं, बल्कि ये वो लोग हैं जिन्‍होंने हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म को अपनाया है। लिहाजा यह मुस्लिम नहीं हैं। उन्‍होंने पाकिस्‍तान के लोगों कनवर्टेड मुस्लिम कहकर और सऊदी अरब का गुलाम कहकर रही सही कसर भी पूरी कर दी है। उनके लिए खुद को मुस्लिम कहने वाले यहां के लोग दरअसल हिंदू-मुस्लिम हैं।
प्रिंस सुलेमान भारत पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश के मुसलमानों को अल हिंदी-मुस्‍कीन कहते हैं। इसका अर्थ है कि वह दोयम दर्जे के मुस्लिम हैं। अरब में यह ख्‍यालात सिर्फ प्रिंस के ही नहीं बल्कि आम लोगों के भी हैं। यहां के लोगों के लिए यह सोच बेहद सामान्‍य है। वहीं दूसरी ओर इन लोगों को सऊदी अरब में किसी भी बड़ी पोस्‍ट पर नहीं रखा जाता है। टॉप पोस्‍ट सिर्फ अरब मुस्लिमों के लिए ही सुरक्षित रखी जाती हैं। पाकिस्‍तान के लिए सऊदी प्रिंस के यह बयान वास्‍तव में ही काफी तकलीफ देने वाले होंगे। इसका जिक्र पाकिस्‍तान के एक पत्रकार ने ट्विटर पर किया है।
काल्पनिक दोहरी शाशन व्यवस्था जिसका सच्चाई से कोई मतलब नहीं

एक दोहरी शाशन व्यवस्था की कल्पना करते है |

मस्जिद में म्युजिन =>मुजाहिद=>इमाम =>इमाम इ मुबेन =>ग्रैंड इमाम =>मुफ़्ती =>ग्रैंड मुफ़्ती=> सऊदी अरब कानून मंत्रालय =>सऊदी किंग

ये राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत, ये हिंदुस्तानी अपने को नहीं मानते है | देश के कानून कोर्ट PM CM को नहीं मानते है |

अब आप इनका समकक्ष पद देखे और मक्कारी पर नजर डाले |

म्युजिन =मुखिया के बराबर ( सुबह सुबह बांग देने वाला  )

मुजाहिद = प्रखंड अध्यक्ष

इमाम = कलक्टरइमाम 

इ मुबेन = उपमुख्यमंत्री

ग्रैंड इमाम (शाही इमाम) = मुख्यमत्री

मुफ़्ती =प्रधानमंत्री (भारत पाकिस्तान बंग्लादेश अफगानिस्तान अफ्रीका इत्यादि देशों के प्रधानमंत्री के समकक्ष )

ग्रैंड इमाम = पूरा विश्व का लेखपालसऊदी अरब कानून मंत्रालय इसका कानून बनाता है

सिर्फ मुफ़्ती को मानते है| मुफ़्ती अरब में बैठे हुए ग्रैंड मुफ़्ती को मानते है | ग्रैंड मुफ़्ती सऊदी अरब के कानून मत्रालय के आदेश पर चलते है | कानून मंत्रालय मानवाधिकार वाले यानि इल्लुमिनाति वाले चलाते है| जब चाहे वैसा कानून लिखवा देते है |

अब सुनते है सऊदी अरब के रक्षा मंत्री और प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को जो कहते है "भारत, पाकिस्तान बंग्लादेश के मुसलमान कनवर्टेड हिन्दू 'अल हिंदी-मुस्‍कीन' अरब के गुलाम है"अब तो मान जाय हम भी सोचने लगे है | जग गए है | ये सपना नहीं है जिसे मैंने देखा |मै इसबात से इंकार करता हूँ पाकिस्तान जिन्ना ने बनाया था | ये कल्पना है कोई सच्चाई नहीं है |













ऐसा कहकर सऊदी अरब के प्रिंस और रक्षा मंत्री ने पाकिस्‍तान को आइना दिखा दिया है। सऊदी का गुलाम बताकर उन्‍होंने एक विवाद को जरूर जन्‍म दिया है। इस्‍लामी देश के नाम पर बनने वाले पाकिस्‍तान को अपनी सही हकीकत का अंदाजा प्रिंस सुलेमान के बयान से जरूर हो गया होगा। पाकिस्‍तान विश्‍व में मौजूद इस्‍लामी देशों में कहां जगह रखता है इसका भी एक उदाहरण प्रिंस के बयान से सभी के सामने आ गया है। यह हाल तब है जब पाकिस्‍तान बिना किसी के बुलावे के कतर और सऊदी अरब के बीच मध्‍यस्‍थता करने वहां जा पहुंचा था।
ऐसा नहीं है कि सऊदी अरब ने पाकिस्‍तान को लेकर इस तरह का इशारा पहली बार किया हो। इससे पहले अमेरिका-सऊदी बिजनेस सम्‍मेलन के दौरान भी जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप सऊदी अरब आए थे, तो पाकिस्‍तान को इस सम्‍मेलन में बोलने का मौका ही नहीं दिया गया था। वहीं ट्रंप ने अपने संबोधन में भारत को आतंकवाद का पीडि़त देश बताकर पाकिस्‍तान को आइना दिखाने की कोशिश की थी। इसके अलावा इस सम्‍मेलन के दौरान पाकिस्‍तान के पीएम नवाज शरीफ लाख चाहने के बाद भी ट्रंप से मुलाकात नहीं कर सके थे। वहीं दूसरी ओर शंघाई काॅपरेशन सम्‍मेलन में भी चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनपिंग ने नवाज से हाथ तक नहीं मिलाया था। रक्षा विशेषज्ञ अनिल कौल मानते हैं कि सऊदी प्रिंस के इस तरह के बयान पाकिस्‍तान को उसकी हकीकत समझाने के लिए काफी हैं। हालांकि उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान के लोग अपने को अरबी बताते हैं लेकिन अरब उन्‍होंने कुछ नहीं मानते हैं।

Saudi Arabia has always believed that it was the true land of Islam. While they consider other Muslim nations inferior, they also claim that they are the direct descendants of Muhammad. The prince of Saudi Muhammad Bin Salman has made a controversial statement humiliating Pakistan.

Muhammad Bin Suleiman believes that Pakisanis are the slaves of the Arabs. Suleiman is also the Defence Minister of Saudi Arabia. This statement proves that Saudi looks at every other Muslim country with the ‘converted-muslim’ country perspective. Muslims from India, Pakistan & Bangladesh are called ‘Hindu-muslims’ in Saudi.

They consider the Muslims from these 3 nations to have converted to Islam from Hinduism. The Indian, Pakistani & Bangaldesh Muslims are also called as “Al-Hindi-Muskeen” referring to them as second-grade Muslims. The differentiation in the system is an open fact. Arabi Muslims are preferred to “Hindu Muslims”, be it any job or top post.

The top posts are always reserved for the Saudi Arabians. The other Muslim nations and their citizens are considered to be inferior. Hence they are given inferior or insignificant posts in their army. Even Indian Muslims are a subject to this bias.

A Pakistani Journalist posted this letter, wherein the Saudi Defence Minister was referring to Pakistanis as slaves.

Tanveer Arain is a renowned Pakistani journalist who works for Pakistan’s English newspaper Dawn. In this Twitter post Tanveer Arain has quoted Saudi’s Defense Minister referring to Pakistan as a slave country. The Defence Minsiter called Pakistan a slave country that will continue to remain a slave of Saudi Arabia forever.

We must tell you that prior to the Suleiman kings, the Abdullah kings reigned in Saudi. But, the outlook was the same. The Abdullah Kings had said that “Indian & Pakistani Muslims grow beards to look good like us, but they look like they’ve come straight from the forest.”
Disclaimer- The fact and story in this video is taken from various news agencies . Our intention is only to publish this through our channel not hurting anyone . We always try to make video true to real facts 

Pakistani and Indian Muslims became SLAVES of Arab and forgot their own identity






SANT RAVIDAS : Hari in everything, everything in Hari

For him who knows Hari and the sense of self, no other testimony is needed: the knower is absorbed. हरि सब में व्याप्त है, सब हरि में...

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चेतावनी : मै किसी धर्म, पार्टी, सम्प्रदाय का विरोध या सहयोग करने नही आया हूँ | मै सिर्फ १५,००० बर्ष की सच्ची इतिहास अध्ययन के बाद रखता हूँ | हिन्दू एक ही पूर्वज के संतान है | भविस्य पुराण के अनुसार राजा भोज ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए कार्य का बंटवारा किया था | जिसके अनुसार कोई भी अपने योगयता के अनुसार कार्य कर सकता था | कोई भी कोई कार्य चुन सकता था | पूजा करना , सैनिक बनना,खाना बनाना,व्यापार करना ,पशु पालना, खेती करना इत्यादि | ये कालांतर में जाति का रूप लेता गया | हिन्दू के बहुजन समाज (पिछड़ा, अति पिछड़ा, अन्य पिछड़ा, दलित और महादलित ) को सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष कर रहा हूँ | योगयता और मेहनत ही उन्नति का साधन है | एक कटु सत्य : यह हैं की मध्य काल में जब वेद विद्या का लोप होने लगा था, उस काल में ब्राह्मण व्यक्ति अपने गुणों से नहीं अपितु अपने जन्म से समझा जाने लगा था, उस काल में जब शुद्र को नीचा समझा जाने लगा था, उस काल में जब नारी को नरक का द्वार समझा जाने लगा था, उस काल में मनु स्मृति में भी वेद विरोधी और जातिवाद का पोषण करने वाले श्लोकों को मिला दिया गया था,उस काल में वाल्मीकि रामायण में भी अशुद्ध पाठ को मिला दिया गया था जिसका नाम उत्तर कांड हैं। जो धर्म सृष्टि के आरम्भ के पहले और प्रलय के बाद भी रहे उसे सनातन धर्म कहते है | सनातन धर्म का आदि और अंत नही है | नया सवेरा