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भीमटा

भीमटा से दस सवाल :
१. भगवन राम और बुद्ध किस जाति से है ?
२. भगवन बुद्ध को मौत काल (धर्म) की सच्चाई कब पता चला ?
३. आंबेडकर के गुरु पढ़ाई का पैसा और पत्नी किस जाति की थी ?
३. आंबेडकर को नाम किसने दिया ? आंबेडकर मुसलमान क्यों नहीं बने ?
४.आंबेडकर को किसने मारा और इल्जाम किसपर लगाया ?
५.ब्राह्मण विरोध कर पाकिस्तान किसने मुसलमान के साथ मिलकर बनाया ?
६. दलित नेता जोगेंद्रनाथ मंडल पाकिस्तान का प्रथम कानून मंत्री की क्या दुर्दशा हुई और वोट का अधिकार हिन्दू को क्यों नहीं मिला ?
७.जोगेंद्रनाथ मंडल ने इस्तीफा क्यों दिया और सबको मरवाकर भारत क्यों आया ? 
८. तूने जनेऊ संस्कार क्यों नहीं किया ? तुम पूजा क्यों नहीं करते हो ? क्या ब्राह्मण को गाली देने से तुम ज्ञानी बनोगे ? क्या तेरे पूर्वज क्षत्रिय ब्राह्मण नहीं थे | क्या वे वीर पंडित धर्मात्मा नहीं थे क्या उन्होंने राम को नहीं भेजा ? जिसने अंतिम साँस तक मुसलमान नहीं बना | मुसलमान ने अछूत क्यों बनाया ?
९. भगवान् वाल्मीकि बुद्ध महावीर शंकराचार्य विवेकानंद  रामकृष्ण परमहंस तप ज्ञान और वैराग्य से सत्य (श्री हरी विष्णु)  को पाए थे ? तुम इतने तपस्वी हो ?
१०. कबीरदास तुलसीदास रैदास नानकदेव मीरा इत्यादि ने भक्तिमार्ग से सत्य (नारायण श्री राम श्री कृष्णा को पाया ) क्या तुम इतनी भक्ति मार्ग पर चल सकते हो ?

क्या तुमने वेद पुराण की कोई डॉक्ट्रेट डिग्री वेदाचार्य आचार्य प\शास्त्री किया है ? अगर नहीं तो बिना अध्ययन किये तुम गलत सही कैसे कह सकते हो ? अगर तुम्हे वेद  शास्त्र का ज्ञान और उपाधि नहीं है | तो कुतर्क कैसे कर रहे हो ?

SANT RAVIDAS : Hari in everything, everything in Hari

For him who knows Hari and the sense of self, no other testimony is needed: the knower is absorbed. हरि सब में व्याप्त है, सब हरि में...

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चेतावनी : मै किसी धर्म, पार्टी, सम्प्रदाय का विरोध या सहयोग करने नही आया हूँ | मै सिर्फ १५,००० बर्ष की सच्ची इतिहास अध्ययन के बाद रखता हूँ | हिन्दू एक ही पूर्वज के संतान है | भविस्य पुराण के अनुसार राजा भोज ने हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए कार्य का बंटवारा किया था | जिसके अनुसार कोई भी अपने योगयता के अनुसार कार्य कर सकता था | कोई भी कोई कार्य चुन सकता था | पूजा करना , सैनिक बनना,खाना बनाना,व्यापार करना ,पशु पालना, खेती करना इत्यादि | ये कालांतर में जाति का रूप लेता गया | हिन्दू के बहुजन समाज (पिछड़ा, अति पिछड़ा, अन्य पिछड़ा, दलित और महादलित ) को सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष कर रहा हूँ | योगयता और मेहनत ही उन्नति का साधन है | एक कटु सत्य : यह हैं की मध्य काल में जब वेद विद्या का लोप होने लगा था, उस काल में ब्राह्मण व्यक्ति अपने गुणों से नहीं अपितु अपने जन्म से समझा जाने लगा था, उस काल में जब शुद्र को नीचा समझा जाने लगा था, उस काल में जब नारी को नरक का द्वार समझा जाने लगा था, उस काल में मनु स्मृति में भी वेद विरोधी और जातिवाद का पोषण करने वाले श्लोकों को मिला दिया गया था,उस काल में वाल्मीकि रामायण में भी अशुद्ध पाठ को मिला दिया गया था जिसका नाम उत्तर कांड हैं। जो धर्म सृष्टि के आरम्भ के पहले और प्रलय के बाद भी रहे उसे सनातन धर्म कहते है | सनातन धर्म का आदि और अंत नही है | नया सवेरा