इस्लाम का भारत में आगमन और विनाश ( मुहम्मद बिन कासिम )
ईशा शताब्दी में जब अरब और उसके पडोसी देश से असभ्य और बर्बर लोग भारत में आने शुरू हुए थे , उसी समय से लेकर अब तक यह बर्बर गिरोह दीमक और टिड्डी दल के समान इस देश को चट कर गए , भारत के राजप्रशादो में दूध तथा शहद की नदिया बहती थी , नगर हिरे तथा मोतियों से प्रकाशमान थे , उस देश को इन मलेछो ने गन्दी बस्तियों में तब्दील कर दिया। भारत के इस कपट काल को जब स्कूल तथा कालेज में स्वर्ण काल बताते है जब जले पर नमक छिड़कने जैसा प्रतीत होता है , यह कैसा देश जहाँ अपने ही बच्चो को उनके पूर्वजो के साथ हुए अत्याचारो का सही इतिहास नहीं पढ़ाया जा रहा।
जिन शैतानो ने भारत को लुटा , यहाँ की बहन बेटियो की अस्मिता भंग की , भारत माँ की धरती को उनके पुत्रो के खून से ही लाल कर दिया , उसका नाम था ----- मुहम्मद बिन कासिम .
मध्यकाल के भारत का इतिहास पढ़िए , जिसमे यह लालची , अन्धविश्वासी , तथा अरब व इस्लाम का प्रचार करने के बहाने , धरती को रौंदते हुए , खून की नदियां बहाते हुए जब चारो और बिखर रहे थे , यह शायद आप जान ले तो भय से काँप उठेंगे , isis का कोई विडियो देख लीजिये , क्या अमानवीय व्यव्हार होता है उनका , यह आवारा और नैतिकता हीन लोग हर जगह घुसे , इनके एक हाथ में तलवार थी और एक हाथ में मशाल , रात को सोते हुए पर वार करना इनके मजहब का पुराना पेशा था ,चिखती महिलाओ और छोटी बच्चियों से बलात्कार करते थे , यह किसी भी धर्म या जाति का ऐसा स्वरूप है , जो शैतान को भी मात देता है।
हमारा भारत उस समय उन देशो में था जो बुरी तरह झुलसे थे ,कुचले मसले गए थे , . पंगु और अपंग बने थे , आम नागरिक कैदी और बंदी बनाये गए , यह दरिंदे १००० सालो से भारत में आने की कोशिश कर रहे थे , और यह तब तक आते रहे , जब तक इनके अंतिम सुल्तान मुस्लमान शाशक को १८५८ में रंगून की कब्र में सुला ना दिया गया.
अबनिसिया , इराक़ , ईरान , अफगानिस्तान , कजाकिस्तान , उज्बेकिस्तान , के बलपूर्वक बनाये गए मुसलमानो के गिरोह ने डाका और बलात्कार के इस जीवन में अरबो का साथ दिया। ठीक वही हालात आज भारत में फिर से आकर खड़े हो गए है , गद्दारो का शुद्ध प्रतिशत २५ तो है ही है , बाकी हिन्दुओ में है सो है ही।
खैर हरी आँखों वाले उस पशु कासिम हरे झंडे पर आधा चाँद का टुकड़ा लिए भारत आया, सिंधु नदी के दोनों और उसने भारी प्रलय की थी , वह वास्तव में शैतानियत का नंगा नाक्च ही था , लबे प्रयास के बाद ही कासिम भारत में प्रवेश कर पाया था , मुसलमानो ने भारत को लूटने की यौजना ६ठी शतब्दी में ही बनानी शुरू कर दी थी , अनेक शताब्दी तक टिड्डी दल भारत में घुसकर आतंक फैलाते थे , और इसकी उपजाऊ भूमि को चूसते थे , इतिहास ही नहीं , भूगोल के साथ भी इन्होंने बलात्कार ही किया है पुस्ट , दुष्ट , कामी , अनपढ़ , बेकार , अधम और नीच अरब के मुसलमान भारत में आक्रमण कर केवल बलात्कार में ही लीन हो गए , इस्लाम धर्म नहीं बल्कि अंतरष्ट्रीय स्तर पर की गयी लूट की सुसंगठित डकैती थी , यह काम एक शैतान का था , जिसने धर्म का चोला ओढ़ रखा था , हालांकि कई वर्षो तक हिन्दुओ ने इन पशुओ को भारत में प्रवेश से रोक कर रखा इनके सुल्तानों की कब्र बेक टू बेक बनायी , पर यह रुक नहीं पाया
इस्लाम का भारत में प्रवेश का मकसद ही केवल यहाँ की सुन्दर स्त्रियां और धन था , अली खलीफा बना था , उसने भारत पर हमला किया एक हजार से ऊपर हिन्दुओ के सर एक दिन काटे , वापस लौट रहा था , बलात्कार और लूट कर के , सिंध के नजदीक कहीं मारा गया।
अपराधी मुस्लमान भारत की सीमाओ पर झपट्टा मारते रहें , किसी शाशक ने इन पशुओ को उनके घर तक खदेड़ कर नहीं मारा , किसी ने इन पशुओ का अंत नहीं किया , हिन्दुओ की पुरानी आदत है , घर में घुस के नहीं मारते , धर्म कानून उनके आड़े आता है , चाहे कल उनके बच्चो का गला ही क्यू ना यह मल्लेछ काट दे , जैसे आज हम अपने पूर्वजो को दोष है , आने वाली पीढ़ी हमें देगी , की इन पशुओ को मारा क्यू नहीं ??? और हमारी यही कमी घर में घुस के ना मारने की कमी ही है की मुसलमान कश्मीर में हम हिन्दू माँ बहनो की इज़्ज़त लूट पाए , सबसे बड़ी बात
हमारे सामने अब कासिम जैसा शैतान था
कासिम ने ही बलात्कार ओ लूट की नींव भारत में डाली थी , यह वही लोग थे , जिन्हें आज मुर्ख हिन्दू भाई कहते है , कासिम ने विजित हिन्दू भूभाग पर हिन्दुओ पर भांति - भांति के अत्यचार किये , बलपूर्वक लोगो को मूसलमान बनाया , अफगानिस्तान में उसने हिन्दूओ की स्त्रियों और बच्चॊ के सर पर तलवार रख कर कहा , राजा दाहिर के विरुद्ध मेरे लिए युद्ध करो , फिर उन्हें भी बाद में बलपूर्वक मुस्लमान बनाया और जो नहीं बने उनकी बेटियो बहनो , पत्नियों के साथ बलात्कार किया , उन्हें इराक़ की मंडी में लेजाकर बेच दिया।
राजा दाहिर सिंध के राजा , ( सिंध जो अब पाकिस्तान में है ) के दुर्ग में प्रवेश के बाद इस्लाम की मशीन चली , नागरिको पर अत्याचार किये गए , आम लोगो को सताया गया , बलपूर्वक मुसलमान बनाया गया। जो मुसलामन नहीं बने , उन्हें जिन्दा जलाया गया , सर काटे गए माँ के सामने बेटो के , इसकी प्रमाणिकता के लिए हाल ही में मुसलमानो का यजिदियो पर किया गया अत्याचार है , प्रतीक्षा करो १० - १५ साल में तुम्हारे साथ भी यही होने की सम्भावना है , और इसी तह सेक्यूलर बने रहे , तो ढाई तीन साल में आपकी मुराद पूरी हो जायेगी इंशाअल्लाह।
कासिम ने वहां कई शिवालय को तोडा , एक बहुत बड़ा शिव का मंदिर था , हिन्दू तीर्थ स्थल था , उसे धवस्त किया , हिन्दुओ को मुसलमान बनाये , फिर वही किया जो अफगानिस्तान में किया , बच्चो के सर पर तलवार रख के हिन्दुओ से ही हिन्दुओ को कटवाया , कहा जाता है की यहाँ से जाते वक़्त वो बहुत ही सुन्दर १ लाख हिन्दू युवतियों को लेकर गया था , जिसे बगदाद के बाजारों में बेचा गया था।
कहानी अभी ख़त्म नहीं हुई , हिन्दुओ का गौरव बाकी है , आखिर यु ही नहीं आज भी सिंध में हिन्दू रुके हुए ,
यूनान मिस्र रोम मिट गए सब जहाँ से
कुछ बात है की हस्ती , मिटती नहीं हमारी
राजा दाहिर के मंत्री ने कहा की क्यू ना संधि कर ली जाए , दाहिर दहाड़ उठे , कैसी संधि की बात करते हो मंत्री , इस प्रजा की सारी कन्याएं जो मेरे लिए बेटी सामान है , जिनकी रक्षा करना एक पिता होने के नाते मेरा धर्म है , क्रोधित राजा दाहिर ने मंत्री को सलाह के इनाम के तोर पर उसका सर धड़ से अलग कर के दिया।
जंगली चीतों के बीच , मदमस्त हांथी की तरह लड़ते राजा दाहिर , जिनके शशरीर के हर अंग से खून बह रहा था , फिर भी वो अंतिम समय तक लड़े , अपनी आने वाली पीढियो के लिए लड़े , और युद्ध भूमि में ही इस शूरमा ने स्वर्ग की प्राप्ति कर ली।
पर कासिम अपनी किस्मत लिख चूका था , उसने दो ब्राह्मण कन्या को कैद कर लिया उम्र होंगी उनकी कोई १६ साल के करीब , बुद्धि और बल दोनों से जिस अवस्था में कासिम था उसी अवस्था में उसे घसीट कर युद्ध से दूर ले गयी , और ताजा भेंसे की खाल में सिल दिया , घुट घुट कर वो शैतान उन देवीयो के चरणों में दर्दनाक मौत मरा।
उन दोनों ब्राह्मण कन्याओं के भोग की चाहत परवर्ती खलीफा को भी थी , किन्तु वह हिम्मत नहीं जूटा सका , जिन्होंने भी उन कन्याओ के करीब आने की भी कोशिश की , उन्होंने उसे ही मौत के घाट उतार दिया , बाद में सुलेमान ने उनके देह का भोग करने का मोह त्याग करके उन्हें घोड़े की पूंछ पर बाँध के दमिश्क़ की सड़को पर घसीटा , उन कमनीय शरीर के चीथड़े चीथड़े हो गए , .
ईशा शताब्दी में जब अरब और उसके पडोसी देश से असभ्य और बर्बर लोग भारत में आने शुरू हुए थे , उसी समय से लेकर अब तक यह बर्बर गिरोह दीमक और टिड्डी दल के समान इस देश को चट कर गए , भारत के राजप्रशादो में दूध तथा शहद की नदिया बहती थी , नगर हिरे तथा मोतियों से प्रकाशमान थे , उस देश को इन मलेछो ने गन्दी बस्तियों में तब्दील कर दिया। भारत के इस कपट काल को जब स्कूल तथा कालेज में स्वर्ण काल बताते है जब जले पर नमक छिड़कने जैसा प्रतीत होता है , यह कैसा देश जहाँ अपने ही बच्चो को उनके पूर्वजो के साथ हुए अत्याचारो का सही इतिहास नहीं पढ़ाया जा रहा।
जिन शैतानो ने भारत को लुटा , यहाँ की बहन बेटियो की अस्मिता भंग की , भारत माँ की धरती को उनके पुत्रो के खून से ही लाल कर दिया , उसका नाम था ----- मुहम्मद बिन कासिम .
मध्यकाल के भारत का इतिहास पढ़िए , जिसमे यह लालची , अन्धविश्वासी , तथा अरब व इस्लाम का प्रचार करने के बहाने , धरती को रौंदते हुए , खून की नदियां बहाते हुए जब चारो और बिखर रहे थे , यह शायद आप जान ले तो भय से काँप उठेंगे , isis का कोई विडियो देख लीजिये , क्या अमानवीय व्यव्हार होता है उनका , यह आवारा और नैतिकता हीन लोग हर जगह घुसे , इनके एक हाथ में तलवार थी और एक हाथ में मशाल , रात को सोते हुए पर वार करना इनके मजहब का पुराना पेशा था ,चिखती महिलाओ और छोटी बच्चियों से बलात्कार करते थे , यह किसी भी धर्म या जाति का ऐसा स्वरूप है , जो शैतान को भी मात देता है।
हमारा भारत उस समय उन देशो में था जो बुरी तरह झुलसे थे ,कुचले मसले गए थे , . पंगु और अपंग बने थे , आम नागरिक कैदी और बंदी बनाये गए , यह दरिंदे १००० सालो से भारत में आने की कोशिश कर रहे थे , और यह तब तक आते रहे , जब तक इनके अंतिम सुल्तान मुस्लमान शाशक को १८५८ में रंगून की कब्र में सुला ना दिया गया.
अबनिसिया , इराक़ , ईरान , अफगानिस्तान , कजाकिस्तान , उज्बेकिस्तान , के बलपूर्वक बनाये गए मुसलमानो के गिरोह ने डाका और बलात्कार के इस जीवन में अरबो का साथ दिया। ठीक वही हालात आज भारत में फिर से आकर खड़े हो गए है , गद्दारो का शुद्ध प्रतिशत २५ तो है ही है , बाकी हिन्दुओ में है सो है ही।
खैर हरी आँखों वाले उस पशु कासिम हरे झंडे पर आधा चाँद का टुकड़ा लिए भारत आया, सिंधु नदी के दोनों और उसने भारी प्रलय की थी , वह वास्तव में शैतानियत का नंगा नाक्च ही था , लबे प्रयास के बाद ही कासिम भारत में प्रवेश कर पाया था , मुसलमानो ने भारत को लूटने की यौजना ६ठी शतब्दी में ही बनानी शुरू कर दी थी , अनेक शताब्दी तक टिड्डी दल भारत में घुसकर आतंक फैलाते थे , और इसकी उपजाऊ भूमि को चूसते थे , इतिहास ही नहीं , भूगोल के साथ भी इन्होंने बलात्कार ही किया है पुस्ट , दुष्ट , कामी , अनपढ़ , बेकार , अधम और नीच अरब के मुसलमान भारत में आक्रमण कर केवल बलात्कार में ही लीन हो गए , इस्लाम धर्म नहीं बल्कि अंतरष्ट्रीय स्तर पर की गयी लूट की सुसंगठित डकैती थी , यह काम एक शैतान का था , जिसने धर्म का चोला ओढ़ रखा था , हालांकि कई वर्षो तक हिन्दुओ ने इन पशुओ को भारत में प्रवेश से रोक कर रखा इनके सुल्तानों की कब्र बेक टू बेक बनायी , पर यह रुक नहीं पाया
इस्लाम का भारत में प्रवेश का मकसद ही केवल यहाँ की सुन्दर स्त्रियां और धन था , अली खलीफा बना था , उसने भारत पर हमला किया एक हजार से ऊपर हिन्दुओ के सर एक दिन काटे , वापस लौट रहा था , बलात्कार और लूट कर के , सिंध के नजदीक कहीं मारा गया।
अपराधी मुस्लमान भारत की सीमाओ पर झपट्टा मारते रहें , किसी शाशक ने इन पशुओ को उनके घर तक खदेड़ कर नहीं मारा , किसी ने इन पशुओ का अंत नहीं किया , हिन्दुओ की पुरानी आदत है , घर में घुस के नहीं मारते , धर्म कानून उनके आड़े आता है , चाहे कल उनके बच्चो का गला ही क्यू ना यह मल्लेछ काट दे , जैसे आज हम अपने पूर्वजो को दोष है , आने वाली पीढ़ी हमें देगी , की इन पशुओ को मारा क्यू नहीं ??? और हमारी यही कमी घर में घुस के ना मारने की कमी ही है की मुसलमान कश्मीर में हम हिन्दू माँ बहनो की इज़्ज़त लूट पाए , सबसे बड़ी बात
हमारे सामने अब कासिम जैसा शैतान था
कासिम ने ही बलात्कार ओ लूट की नींव भारत में डाली थी , यह वही लोग थे , जिन्हें आज मुर्ख हिन्दू भाई कहते है , कासिम ने विजित हिन्दू भूभाग पर हिन्दुओ पर भांति - भांति के अत्यचार किये , बलपूर्वक लोगो को मूसलमान बनाया , अफगानिस्तान में उसने हिन्दूओ की स्त्रियों और बच्चॊ के सर पर तलवार रख कर कहा , राजा दाहिर के विरुद्ध मेरे लिए युद्ध करो , फिर उन्हें भी बाद में बलपूर्वक मुस्लमान बनाया और जो नहीं बने उनकी बेटियो बहनो , पत्नियों के साथ बलात्कार किया , उन्हें इराक़ की मंडी में लेजाकर बेच दिया।
राजा दाहिर सिंध के राजा , ( सिंध जो अब पाकिस्तान में है ) के दुर्ग में प्रवेश के बाद इस्लाम की मशीन चली , नागरिको पर अत्याचार किये गए , आम लोगो को सताया गया , बलपूर्वक मुसलमान बनाया गया। जो मुसलामन नहीं बने , उन्हें जिन्दा जलाया गया , सर काटे गए माँ के सामने बेटो के , इसकी प्रमाणिकता के लिए हाल ही में मुसलमानो का यजिदियो पर किया गया अत्याचार है , प्रतीक्षा करो १० - १५ साल में तुम्हारे साथ भी यही होने की सम्भावना है , और इसी तह सेक्यूलर बने रहे , तो ढाई तीन साल में आपकी मुराद पूरी हो जायेगी इंशाअल्लाह।
कासिम ने वहां कई शिवालय को तोडा , एक बहुत बड़ा शिव का मंदिर था , हिन्दू तीर्थ स्थल था , उसे धवस्त किया , हिन्दुओ को मुसलमान बनाये , फिर वही किया जो अफगानिस्तान में किया , बच्चो के सर पर तलवार रख के हिन्दुओ से ही हिन्दुओ को कटवाया , कहा जाता है की यहाँ से जाते वक़्त वो बहुत ही सुन्दर १ लाख हिन्दू युवतियों को लेकर गया था , जिसे बगदाद के बाजारों में बेचा गया था।
कहानी अभी ख़त्म नहीं हुई , हिन्दुओ का गौरव बाकी है , आखिर यु ही नहीं आज भी सिंध में हिन्दू रुके हुए ,
यूनान मिस्र रोम मिट गए सब जहाँ से
कुछ बात है की हस्ती , मिटती नहीं हमारी
राजा दाहिर के मंत्री ने कहा की क्यू ना संधि कर ली जाए , दाहिर दहाड़ उठे , कैसी संधि की बात करते हो मंत्री , इस प्रजा की सारी कन्याएं जो मेरे लिए बेटी सामान है , जिनकी रक्षा करना एक पिता होने के नाते मेरा धर्म है , क्रोधित राजा दाहिर ने मंत्री को सलाह के इनाम के तोर पर उसका सर धड़ से अलग कर के दिया।
जंगली चीतों के बीच , मदमस्त हांथी की तरह लड़ते राजा दाहिर , जिनके शशरीर के हर अंग से खून बह रहा था , फिर भी वो अंतिम समय तक लड़े , अपनी आने वाली पीढियो के लिए लड़े , और युद्ध भूमि में ही इस शूरमा ने स्वर्ग की प्राप्ति कर ली।
पर कासिम अपनी किस्मत लिख चूका था , उसने दो ब्राह्मण कन्या को कैद कर लिया उम्र होंगी उनकी कोई १६ साल के करीब , बुद्धि और बल दोनों से जिस अवस्था में कासिम था उसी अवस्था में उसे घसीट कर युद्ध से दूर ले गयी , और ताजा भेंसे की खाल में सिल दिया , घुट घुट कर वो शैतान उन देवीयो के चरणों में दर्दनाक मौत मरा।
उन दोनों ब्राह्मण कन्याओं के भोग की चाहत परवर्ती खलीफा को भी थी , किन्तु वह हिम्मत नहीं जूटा सका , जिन्होंने भी उन कन्याओ के करीब आने की भी कोशिश की , उन्होंने उसे ही मौत के घाट उतार दिया , बाद में सुलेमान ने उनके देह का भोग करने का मोह त्याग करके उन्हें घोड़े की पूंछ पर बाँध के दमिश्क़ की सड़को पर घसीटा , उन कमनीय शरीर के चीथड़े चीथड़े हो गए , .
किन्तु बस तभी से भारत का मुस्लिमीकरण शुरू हो गया , आज तक जारी है ,